मायूसी और ख़ालीपन के सूखे समुद्र को पल भर के छोटे मोटे मनोरंजनों की बारिश से भर पाना नामुमकिन है। ऐसा करने की कोशिश करना समय की बरबादी के अलावा कुछ नहीं।
ज़रूरत है ख़ुद के अन्दर मौजूद ख़ुशियों के असीम सागर और आनन्द के अपरमपार स्रोत को पहचानने की और जानने की।

ख़राबी मनोरंजन करने या करवाने में नहीं पर उसके द्वारा ज़िन्दगी में ख़ुशियों को पाने की नासमझ एवं बेकार कोशिश करने में है ।